apollo

GGT Test (Gamma Glutamyl Tranferase) in Hindi

Also Known as गामा ग्लूटामाइल ट्रांसफेरेस (जीजीटी), गामा-ग्लूटामिल ट्रांसपेप्टिडेज

कोई तैयारी की आवश्यकता नहीं

MRP 775 60% off
310

testsटेस्ट शामिल (1)

  • जीजीटी टेस्ट (गामा ग्लूटामिल ट्रांसफरेस) (जीजीटी टेस्ट (गामा ग्लूटामिल ट्रांसफरेस) (GGT Test (Gamma Glutamyl Tranferase)))

    1 test included

    expand

About

blood sample
SAMPLE TYPE

ब्लड

Gender
लिंग

दोनों

users
आयु वर्ग

7 वर्ष और ऊपर

जीजीटी टेस्ट (गामा ग्लूटामाइल ट्रांसफरेज)

GGT टेस्ट क्या है?

जांच का अवलोकन

नमूना प्रकाररक्त
रिपोर्ट्स डिलीवरी24 घंटे के भीतर रिपोर्ट्स उपलब्ध"
मूल्य/लागत310
शामिल किये गए टेस्टों की संख्या1

GGT टेस्ट, जिसे गामा ग्लूटामाइल ट्रांसफेरेज टेस्ट भी कहा जाता है, एक ब्लड टेस्ट है जो आपके लिवर और बाइल डक्ट के स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने में मदद करता है। GGT एक एंजाइम होता है जो कई अंगों में पाया जाता है, लेकिन इसकी सबसे अधिक मात्रा लिवर में होती है। यह एंजाइम पदार्थों को ट्रांसपोर्ट करने और लिवर मेटाबोलिज्म को समर्थन देने में एक भूमिका निभाता है।
जब लीवर डैमिज होता है या जब बाइल डक्ट  में कोई रुकावट होता है, तो ब्लड में GGT का लेवल अक्सर बढ़ जाता है। इस कारण से, GGT टेस्ट का उपयोग आमतौर पर लीवर रोग के प्रारंभिक संकेतों का पता लगाने, बाइल डक्ट की समस्याओं की निगरानी करने, या यह मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है कि शराब या कुछ दवाएं लीवर को कैसे प्रभावित कर रही हैं।
 

GGT टेस्ट की लागत कितनी होती है?


विभिन्न शहरों में GGT टेस्ट की कीमत
 

शहरGGT परीक्षण कीमत
बैंगलोर₹333
हैदराबाद₹333
चेन्नई₹333
गुड़गांव₹333
दिल्ली₹333

GGT टेस्ट की लागत आपके स्थान, जिस डायग्नोस्टिक सेंटर का चयन किया गया है, और यह टेस्ट किसी व्यापक स्वास्थ्य पैकेज का हिस्सा है या नहीं, इन कारकों पर निर्भर कर सकती है।
कई कारक यह प्रभावित कर सकते हैं कि आप GGT टेस्ट के लिए कितना भुगतान करेंगे:

  • आप कहाँ रहते हैं: शहरी अस्पतालों में कीमतें छोटे शहरों या अर्ध-शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक हो सकती हैं।
  • टेस्ट पैकेज का प्रकार: कुछ लैब बंडल लिवर फंक्शन टेस्ट्स की पेशकश करती हैं, जिससे कुल लागत में परिवर्तन हो सकता है।
  • डायग्नोस्टिक सेंटर की गुणवता: अपोलो डियागनोस्टिक जैसी सुविधाएँ Apollo 24|7 के माध्यम से विशेष छूट या पैकेज प्रदान कर सकती हैं।

ऑनलाइन बुकिंग ऑफर्स: अपोलो 24|7 जैसे कई लैब टेस्ट प्रदाता तब कम दरों या अतिरिक्त सेवाओं की पेशकश करते हैं जब आप उनके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से बुकिंग करते हैं।
सबसे सटीक कीमतों और उपलब्ध ऑफर्स के लिए, Apollo 24|7 की वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाएँ और अपना टेस्ट सुविधा अनुसार शेड्यूल करें।

GGT टेस्ट का उद्देश्य

GGT टेस्ट का मुख्य उद्देश्य लिवर की क्रियाशीलता का मूल्यांकन करना और लिवर की बीमारी या डैमिज की पहचान करना है। यह विशेष रूप से उपयोगी है:

  • लीवर रोग का पता लगाना; GGT का लेवल हेपेटाइटिस (लिवर  की सूजन), सिरोसिस, लिवर का कैंसर, और फैटी लिवर रोग जैसी स्थितियों में बढ़ जाता है।
  • शराब के उपयोग का आकलन: लंबे समय तक या अधिक मात्रा में शराब का सेवन GGT लेवल को काफी बढ़ा देता है, इसलिए यह टेस्ट शराब के दुरुपयोग का पता लगाने मे मदद करता है।
  • पित्त नली (बाइल डक्ट) समस्याओं की जांच: पित्तनलिकाओं में पथरी, ट्यूमर, या सूजन के कारण होने वाली बाधाएँ GGT को बढ़ा देती हैं।
  • दवा की निगरानी: कुछ दवाएँ लिवर की टाक्सिसिटी का कारण बन सकती हैं, और GGT की माप से ऐसी दवाओं से होने वाले लिवर डैमिज की निगरानी की जा सकती है।

हड्डी और लिवर की बीमारी में अंतर करना: बढ़ा हुआ एल्कलाइन फॉस्फेटेज (ALP) हड्डी या लिवर की बीमारियों से हो सकता है; ऊँचा GGT के साथ उच्च ALP का होना लिवर की उत्पत्ति का संकेत देता है।

  • लक्षणों का मूल्यांकन: यदि आपको पीलिया (त्वचा या आंखों का पीला होना), पेट में दर्द, गहरे रंग का मूत्र, या बिना किसी स्पष्टीकरण की थकान जैसे लक्षण हों तो आपका डॉक्टर GGT टेस्ट का आदेश दे सकता है।
  • उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की जांच: जिन लोगों में भारी शराब का सेवन, मोटापा, डाइअबीटीज़, या वायरल हेपेटाइटिस जैसे जोखिम कारक होते हैं, उन्हें समय-समय पर GGT टेस्ट करवाना पड़ सकता है ताकि शुरुआती चरण में ही रोग का पता चल सके।

जीजीटी के लेवल में कमी का पता लगाकर, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता लीवर की स्थितियों का पूर्व डाइअग्नोसिस कर सकते हैं, उपचार योजनाओं को लागू कर सकते हैं और प्रतिक्रियाओं की प्रभावी निगरानी कर सकते हैं।

GGT टेस्ट के लिए कैसे तैयारी करें?

सटीक GGT टेस्ट परिणामों के लिए उचित तैयारी आवश्यक है। जानिए आपको क्या पता होना चाहिए:

  • उपवास: आपसे टेस्ट से पहले 8 से 12 घंटे तक उपवास करने के लिए कहा जा सकता है (यानि कुछ भी नहीं खाना या पीना सिवाय पानी के)। इससे हाल ही में खाए गए भोजन से होने वाली दखलंदाजी को कम किया जा सकता है।
  • शराब से दूर रहें: टेस्ट से कम से कम 24 से 48 घंटे पहले शराब का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह GGT के लेवल को बढ़ा सकता है, भले ही लिवर स्वस्थ हो।
  • दवाइयाँ: अपने डॉक्टर को आपके द्वारा ली जा रही सभी दवाइयों, विटामिनों और सप्लीमेंट्स के बारे में अवश्य बताएं। कुछ दवाएं, जैसे कि एंटी-सीज़र ड्रग्स, एंटीबायोटिक्स, और नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs), GGT लेवल को प्रभावित कर सकती हैं।
  • शारीरिक गतिविधि: टेस्ट से पहले कठिन व्यायाम से बचें, क्योंकि तीव्र शारीरिक गतिविधि अस्थायी रूप से लिवर एंजाइमों को बढ़ा सकती है।
  • समय निर्धारण: ब्लड के सैम्पल अक्सर सुबह में एकत्रित किए जाते हैं ताकि परेशानी को कम किया जा सके।

इन निर्देशों का पालन करने से आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को GGT ब्लड टेस्ट से सबसे भरोसेमंद जानकारी मिल सकती है।

GGT टेस्ट की प्रक्रिया

GGT टेस्ट एक सरल और तेज ब्लड टेस्ट है, जिसे आमतौर पर अस्पताल, क्लिनिक, या डियागनोस्टिक लैब में किया जाता है। इस प्रक्रिया में शामिल है:

  • रजिस्ट्रेशन और सहमति: आप अपनी जानकारी की पुष्टि करेंगे और टेस्ट के लिए सहमति देंगे।
  • सैम्पल कलेक्शन: स्वास्थ्य पेशेवर आपकी कोहनी के अंदर के क्षेत्र को एक एंटीसेप्टिक से साफ करेंगे। आपकी ऊपरी बांह पर एक टूर्निकेट बांधा जाता है ताकि नसों में ब्लड भर जाए।
  • वेनिपंक्चर: एक महीन सुई की मदद से नस से ब्लड को एक छोटी ट्यूब में खींचा जाता है।
  • उपचार के बाद: सुई निकाल दी जाती है और ब्लीडिंग रोकने के लिए दबाव दिया जाता है। उस स्थान पर एक छोटा पट्टी या रुई का गोला लगाया जाता है।
  • लैब मे जांच: ब्लड सैम्पल को एक लैब में भेजा जाता है जहाँ इसकी जांच GGT एंजाइम के लेवल के लिए किया जाता है।

यह पूरी प्रक्रिया आमतौर पर कुछ ही मिनटों में समाप्त हो जाती है, और असुविधा बहुत कम होती है। टेस्ट के बाद, आप तुरंत अपनी सामान्य गतिविधियों को पुनः शुरू कर सकते हैं।

GGT टेस्ट परिणामों को समझना

गामा-ग्लूटामाइल ट्रांसफेरेज़ (GGT) टेस्ट एक ब्लड टेस्ट है जो आपके शरीर में GGT एंजाइम के लेवल को मापता है। GGT मुख्य रूप से लिवर में पाया जाता है और यह अमीनो एसिड को संचालित करने और ग्लूटाथियोन के मटैबलिज़म में एक भूमिका निभाता है। ऊंचा या असामान्य लेवल लिवर या पित्त नली(बाइल डक्ट) की समस्याओं का संकेत दे सकता है, अक्सर अन्य लक्षणों के दिखाई देने से पहले।

सामान्य GGT लेवल क्या होता है?

सामान्य GGT मान लैबोरेटरी, लैब विधि, और व्यक्तिगत कारणों जैसे उम्र और लिंग के आधार पर थोड़े भिन्न हो सकते हैं। हालांकि, आम संदर्भ सीमाएँ हैं

  • पुरुष: प्रति लीटर 8 से 61 यूनिट (U/L)
  • महिलाएं: 5 से 36 U/L

हमेशा अपनी लैब की विशिष्ट संदर्भ सीमा का संदर्भ लें, जो आपके परिणामों के साथ दिखाई देनी चाहिए।

असामान्य GGT लेवल का क्या अर्थ है?

बढ़े हुए GGT लेवल

उच्च GGT लेवल लिवर के डैमिज का संकेत दे सकते हैं और आम तौर पर इसके साथ जुड़े होते हैं:

  • अल्कोहल का सेवन (टेस्ट से 24–48 घंटे पहले भी मध्यम मात्रा में सेवन लेवल को बढ़ा सकता है)
  • लिवर रोग जैसे कि हेपेटाइटिस, सिरोसिस, या शराबी लिवर रोग
  • पित्त नली(बाइल डक्ट) मे रुकावट (उदाहरण के लिए, पित्ताशय की पथरी या ट्यूमर)
  • फैटी लिवर रोग (शराबी और गैर-शराबी)
  • कुछ दवाओं का उपयोग, जिसमें एंटी-सीज़र दवाएं, NSAIDs शामिल हैं
  • धूम्रपान और हार्ट फैल्यर या डाइअबीटीज़ जैसी पुरानी चिकित्सीय स्थितियाँ

GGT शराब के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होता है, इसलिए इसका उपयोग अक्सर शराब से संबंधित लिवर डैमिज की जांच के लिए किया जाता है। हालांकि, यह अपने आप में किसी स्थिति का डाइअग्नोसिस करने के लिए पर्याप्त नहीं है।

हलके बड़े हुए लेवल 

हल्के बढ़े हुए GGT लेवल स्वस्थ व्यक्तियों में हो सकते हैं और हमेशा किसी गंभीर बीमारी का संकेत नहीं देते हैं। लाइफस्टाइल संबंधी कारकों, हालिया शराब का सेवन, या दवाई के उपयोग के कारण अस्थायी वृद्धि हो सकती है।

उच्च लेवल 

यदि GGT का लेवल काफी ज्यादा हो, तो यह आमतौर पर गंभीर लिवर या पित्त नलिका (बाइल डक्ट)  की स्थितियों को दर्शाता है। ऐसे मामलों में, आपके स्वास्थ्य सेवा प्रदाता डियागनोस्टिक की पुष्टि करने के लिए अतिरिक्त टेस्ट जैसे कि ALT, AST, ALP या इमेजिंग आदेशित कर सकते हैं।

निम्न GGT लेवल 

निम्न GGT लेवल असामान्य होते हैं और शायद ही कभी डियागनोस्टिक रूप से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। दुर्लभ मामलों में, ये निम्न से जुड़े हो सकते हैं

  • विटामिन B6 (पाइरिडॉक्सिन) की कमी
  • कुछ जनेटिक मटैबलिज़म डिसॉर्डर
  • आम तौर पर अन्य जांच की आवश्यकता नहीं होती है, जब तक कि इसके साथ अन्य असामान्य टेस्ट परिणाम न हों।
  • GGT का अन्य टेस्ट के साथ अक्सर उपयोग क्यों किया जाता है
  • GGT का अक्सर अल्कलाइन फॉस्फेटेज (ALP) के साथ मिलकर अध्ययन किया जाता है ताकि लिवर और हड्डी की बीमारियों के बीच अंतर करने में मदद मिल सके।
  • GGT और ALP दोनों ऊँचे हैं: यह लिवर या पित्त नली संबंधी विकार का संकेत देता है।
  • उच्च ALP के साथ सामान्य GGT: यह अधिक संभावना है कि यह हड्डी की बीमारी से संबंधित है (जैसे कि पैगेट रोग या हड्डी का कैंसर)
  • यह GGT टेस्ट को एक मूल्यवान डियागनोस्टिक उपकरण बनाता है

GGT टेस्ट को किन-किन कारकों का प्रभाव पड़ता है?

गामा-ग्लूटामाइल ट्रांसफरेज़ (GGT) टेस्ट परिणामों पर कई कारक प्रभाव डाल सकते हैं। ये कारक यह निर्धारित करते हैं कि आपके लेवल की व्याख्या कैसे की जाएगी और क्या अतिरिक्त टेस्ट की आवश्यकता है। इन चरणो को समझने से आपके लिवर की स्वास्थ्य स्थिति का अधिक सटीक आकलन होता है।

  • शराब का सेवन: शराब उन सबसे आम कारणों में से एक है जो GGT लेवल में वृद्धि का कारण बनती है। टेस्ट से 24 से 48 घंटे पहले यहाँ तक कि मध्यम मात्रा में शराब का सेवन भी लेवल को अस्थायी रूप से बढ़ा सकता है। लगातार शराब का उपयोग GGT के निरंतर उच्च लेवल से जुड़ा हुआ है और यही मुख्य कारण है कि यह टेस्ट अक्सर शराब से संबंधित लीवर की स्थितियों का पता लगाने या निगरानी करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
  • दवाइयाँ: कुछ प्रिस्क्रिप्शन और ओवर-द-काउंटर दवाओं से GGT लेवल बढ़ सकते हैं क्योंकि ये लिवर एंजाइम की गतिविधि को प्रभावित करते हैं। इनमें एंटी-सीज़र ड्रग्स (जैसे कि फेनीटोइन और फेनोबारबिटल), NSAIDs, स्टैटिन्स, एंटीबायोटिक्स, एंटीफंगल एजेंट्स और कुछ एंटीडिप्रेसेंट्स शामिल हैं। लिवर फंक्शन टेस्ट से पहले आप जो भी दवाएँ ले रहे हैं, उनके बारे में अपने हेल्थकेयर प्रोवाइडर को अवश्य सूचित करें।
  • लिवर और पित्त नली मे समस्या: हेपेटाइटिस, सिरोसिस, फैटी लिवर रोग, पित्त नली मे रुकावट, और लिवर ट्यूमर जैसी स्थितियाँ GGT लेवल को काफी बढ़ा सकती हैं। कुछ मामलों में, GGT पहला एंजाइम हो सकता है जो बढ़ता है, यहाँ तक कि लक्षण प्रकट होने से पहले या अन्य लिवर मार्कर्स असामान्य होने से पहले भी।
  • धूम्रपान: तंबाकू के उपयोग को बढ़े हुए GGT लेवल से जोड़ा गया है। यह संभवतः ऑक्सीडेटिव तनाव और सिगरेट के धुएँ में पाए जाने वाले विषैले पदार्थों के लगातार संपर्क के प्रति लीवर की प्रतिक्रिया के कारण होता है। यहाँ तक कि बिना किसी लीवर रोग के भी, धूम्रपान करने वालों के GGT लेवल ज्यादा हो सकते हैं।
  • मोटापा और मटैबलिज़म संबंधी स्थितियाँ: ज्यादा GGT आमतौर पर मोटापा, इंसुलिन इंटोलरेंस, टाइप 2 डाइअबीटीज़, और मटैबलिज़म सिंड्रोम वाले लोगों में देखा जाता है। ये स्थितियाँ लिवर में फैट के संचय से जुड़ी हुई हैं (गैर-अल्कोहलिक फैटी लिवर बीमारी), जो लिवर की कार्यशीलता को कम कर सकती हैं और एंजाइम लेवल को बढ़ा सकती हैं, यहाँ तक कि कोई स्पष्ट लक्षण न होने के बावजूद भी।
  • आयु और लिंग: GGT के लेवल स्वाभाविक रूप से उम्र और लिंग के अनुसार भिन्न होते हैं। आमतौर पर पुरुषों में महिलाओं की तुलना में ज्यादा लेवल होते हैं, और उम्र के साथ इनके मान बढ़ सकते हैं। अधिकांश लैब इन भिन्नताओं के लिए रेफरेंस रेंज प्रदान करती हैं ताकि सही व्याख्या सुनिश्चित की जा सके।
  • विटामिन की कमी: विटामिन B6 (पाइरिडॉक्सिन) की कमी GGT के असामान्य रूप से कम लेवल का कारण बन सकती है। हालांकि, GGT का कम लेवल आमतौर पर चिंता का कारण नहीं होता, जब तक कि यह नूट्रिशन इम्बैलन्स या मटैबलिज़म समस्या के अन्य संकेतों के साथ साथ नहीं हो।

अपोलो 24|7 पर अपनी GGT टेस्ट रिपोर्ट कैसे देखें

यदि आपने हाल ही में Apollo के माध्यम से GGT Test करवाया है, तो अपने परिणामों को ऑनलाइन देखना बहुत आसान और तेज़ है। बस निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

  • नोटिफिकेशन का इंतजार करें: आपके GGT टेस्ट के परिणाम तैयार होने पर आपको अपोलो 24|7 से एक SMS या ईमेल प्राप्त होगा।
  • अपने Apollo 24|7 खाते में लॉग इन करें: अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी का उपयोग करके अपने खाते में सुरक्षित रूप से साइन इन करें।
  • रिपोर्ट्स सेक्शन में जाएँ: लॉग इन करने के बाद,अपने डैशबोर्ड पर “रिपोर्ट्स” टैब पर जाएं। यहीं पर आपकी सभी लैब टेस्ट रिपोर्ट्स जमा होती हैं।
  • अपनी GGT टेस्ट रिपोर्ट खोजें: अपनी उपलब्ध रिपोर्टों में से स्क्रॉल करें या जल्दी से अपनी GGT टेस्ट खोजने के लिए सर्च फंक्शन का उपयोग करें।

अपनी रिपोर्ट देखें या डाउनलोड करें: रिपोर्ट पर क्लिक करके विस्तृत परिणाम देखें। आप इसे PDF के रूप में डाउनलोड भी कर सकते हैं अपने रिकॉर्ड के लिए या इसे अपने डॉक्टर के साथ साझा कर सकते हैं।
 

packageजीजीटी टेस्ट (गामा ग्लूटामिल ट्रांसफरेस) के साथ शीर्ष टेस्ट और पैकेज | Top Tests and Packages with GGT Test (Gamma Glutamyl Tranferase)

faqअक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

रक्त का सैंपल कैसे लिया जाता है?

रक्त नमूना लेने के लिए, ऊपरी बांह पर एक टर्निकेट (इलास्टिक) बैंड को तंग से बाँध दिया जाता है। इसके बाद रोगी से फिस्ट बनाने के लिए कहा जाता है। यह वेन्स में रक्त भरने में मदद करता है और रक्त को निकालना आसान हो जाता है। नींदल शल्यक में आने से पहले त्वचा को साफ किया जाता है ताकि जीवाणु प्रवेश न हो। नीडल को आर्म की वेन में डाला जाता है और रक्त नमूना वैक्यूटेनर में एकत्र किया जाता है।

उच्च स्तर के जीजीटी का कारण बन सकने वाली अन्य स्थितियाँ क्या हो सकती हैं?

जिज्ञासा के उच्च स्तर डायबिटीज, हृदय विफलता, अवयविक सिंड्रोम, पैनक्रिएटाइटिस या कुछ दवाओं द्वारा भी पैर जो हैं जिगर के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

जिगर की बिमारी के लक्षण क्या होते हैं?

कुछ पेट से संबंधित लक्षणों में शामिल हैं: आँखों और त्वचा का पीलापन, पेट में दर्द और सूजन, पैरों और टखनों का सूजन, मतली, उलटी, थकान, गहरा मूत्र, हल्के दस्त, आदि।

कौन-कौन सी दवाएं GGT स्तर को प्रभावित करती हैं?

ऐसी दवाएं जो GGT स्तर पर प्रभाव डाल सकती हैं जैसे कार्बामाजेपीन, साइमेटिडीन, फ्यूरोसीमाइड, हेपारिन, आइसोट्रेटिनॉइन, मेथोट्रेक्सेट, मौंटरसेप्टिव, फेनोबार्बिटल, फेनोट्योइन और वालप्रोइक एसिड इत्यादि।

घर पर लोकप्रिय टेस्ट बुक करें | Book Popular Tests at Home

एचबीए1सी (ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन) | कोलेस्ट्रॉल - सीरम | कम्प्लीट यूरिन एग्जामिनेशन (सीयूई) | ग्लूकोज, फास्टिंग | ग्लूकोज, रैंडम | क्रिएटिनिन - सीरम | सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) - क्वांटिटेटिव | कल्चर एंड सेंसिटिविटी - यूरिन (ऑटोमेटेड) | प्रोथ्रोम्बिन टाइम (पीटी/आईएनआर) | एरिथ्रोसाइट सेडीमेंटेशन रेट (ईएसआर) | बीटा एचसीजी (टोटल) | यूरिक एसिड - सीरम | इलेक्ट्रोलाइट्स - सीरम | यूरिया एंड क्रिएटिनिन | ब्लड ग्रुप एबीओ एंड आरएच फैक्टर | फेरिटिन | विटामिन बी12 | एचबीएसएजी स्क्रीनिंग - रैपिड | प्रोलैक्टिन

अपोलो के साथ लोकप्रिय पैकेज बुक करें | Book Popular Packages with Apollo

अपोलो प्राइम हेल्थ प्लान | अपोलो थायरॉयड मूल्यांकन - बेसिक | अपोलो विटामिन जांच - बेसिक | अपोलो डायबिटीज पैनल - बेसिक | अपोलो फुल बॉडी चेक - एडवांस I