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Double Marker Test in Hindi

Also Known as मैटर्नल सीरम स्क्रीनिंग - डबल मार्कर (फर्स्ट ट्राइमेस्टर) विथ एएफपी

व्होल और लोअर उल्ट्रासाउंड रिपोर्ट की आवश्यकता है, सैंपल केवल गर्भावस्था के 10-13 सप्ताह के लिए एकत्रित किया गया है

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Last Updated

Jul 28, 2025 | 1:30 PM IST

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testsटेस्ट शामिल (3)

  • मटर्नल स्क्रीनिंग फर्स्ट ट्राइमेस्टर- डुअल/डबल मार्कर विथ एएफपी (मटर्नल स्क्रीनिंग फर्स्ट ट्राइमेस्टर- डुअल/डबल मार्कर विथ एएफपी (MATERNAL SCREENING FIRST TRIMESTER- DUAL/DOUBLE MARKER WITH AFP))

    2 tests included

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  • DEMOGRAPHIC DETAILS

About

blood sample
SAMPLE TYPE

ब्लड, ऐन ए

Gender
लिंग

महिला

users
आयु वर्ग

7 वर्ष और ऊपर

डबल मार्कर टेस्ट: एक सम्पूर्ण गाइड

परीक्षा का अवलोकन
 

नमूना प्रकारखून
रिपोर्ट्स डिलीवरी36 48 घंटे में रिपोर्ट्स"
मूल्य/लागत3099
शामिल किए गए परीक्षणों की संख्या2

गर्भावस्था खुशी का समय होता है, लेकिन यह माँ और विकसित हो रहे शिशु की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए सावधानीपूर्ण निगरानी और चिकित्सीय मूल्यांकन का भी समय होता है। शुरुआती स्क्रीनिंग में से एक मुख्य उपकरण डबल मार्कर टेस्ट है, जो एक नॉन अग्रेसिव  ब्लड टेस्ट है जो शिशु के क्रोमोसोमल स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान करता है। इस व्यापक गाइड में गर्भावस्था में डबल मार्कर टेस्ट के बारे में हर विवरण का पता लगाया गया है, इसके उद्देश्य और प्रक्रिया से लेकर परिणामों की व्याख्या, संबंधित लागतों और बहुत कुछ तक।

डबल मार्कर टेस्ट क्या है?

डबल मार्कर टेस्ट गर्भावस्था के पहले तीन महीने में किया जाने वाला एक प्रकार का प्रीनेटल स्क्रीनिंग है, जिसके जरिये भ्रूण में क्रोमोसोमल असामान्यताओं की संभावना का आकलन किया जाता है। यह विशेष रूप से तीन मुख्य क्रोमोसोमल स्थितियों के जोखिम का मूल्यांकन करता है:

  • डाउन सिंड्रोम (ट्राइसोमी 21)
  • एडवर्ड सिंड्रोम (ट्राइसोमी 18)
  • पटाऊ सिंड्रोम (ट्राइसोमी 13)

ये स्थितियाँ क्रोमोसोम्स की अतिरिक्त कॉपीज़ के कारण होती हैं और इससे विकासात्मक देरी, बौद्धिक अक्षमता और शारीरिक एनोमालीज़ हो सकती हैं। समय पर पता लगाना सूचित निर्णय लेने के लिए महत्वपूर्ण है, और डबल मार्कर टेस्ट उच्च-जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की पहचान में एक निर्णायक चरण के रूप में काम करता है।


यह टेस्ट अपना नाम उन दो मुख्य बायो केमिकल मार्करों से प्राप्त करता है जिन्हें यह मां के खून में मापता है:

  • मुक्त बीटा-मानव कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (मुक्त β-hCG) - एक हार्मोन जो प्लेसेंटा द्वारा निर्मित होता है। इसके उच्च स्तर का संबंध डाउन सिंड्रोम के उच्च जोखिम से हो सकता है।
  • गर्भावस्था-संबद्ध प्लाज्मा प्रोटीन-ए (PAPP-A) - एक प्रोटीन जो प्लेसेंटा के विकास को समर्थन देता है। कम लेवल का संबंध क्रोमोसोमल विसंगतियों जैसे कि ट्राइसोमी 18 या 13 से हो सकता है।
  • यह टेस्ट आमतौर पर एक अल्ट्रासाउंड स्कैन के साथ किया जाता है, जिसे नुचल ट्रांसलुसेंसी (NT) स्कैन के नाम से जाना जाता है, जिसमें बच्चे की गर्दन के पीछे के स्पष्ट (पारदर्शी) स्थान को मापा जाता है। बड़ा NT माप भी क्रोमोसोमीय असामान्यताओं के उच्च जोखिम का संकेत दे सकता है। जब साथ में इस्तेमाल किया जाता है, तो स्क्रीनिंग की सटीकता काफी बढ़ जाती है।
  • महत्वपूर्ण बात यह है कि डबल मार्कर टेस्ट एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, डियागनोस्टिक नहीं। यह एक स्पष्ट उत्तर प्रदान नहीं करता, बल्कि जोखिम का अनुमान लगाता है। असामान्य या उच्च जोखिम वाले परिणामों को नॉन-इनवेसिव प्रीनेटल टेस्टिंग (NIPT), एम्नियोसेंटेसिस, या कोरिओनिक विलस सैंपलिंग (CVS) जैसे पुष्टिकारी डियागनोस्टिक टेस्ट के साथ किया जाता है।

डबल मार्कर टेस्ट की लागत कितनी है?

विभिन्न शहरों में डबल मार्कर टेस्ट की कीमतें


 

शहरडबल मार्कर टेस्ट की कीमत
बैंगलोर₹3686
हैदराबाद₹3686
चेन्नई₹3686
गुड़गांव₹3686
दिल्ली₹3686

हालांकि डबल मार्कर टेस्ट की कीमत अतिरिक्त खर्च की तरह लग सकती है, यह ऐसी अनमोल जानकारी प्रदान करती है जो गर्भावस्था के परिणाम को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। डबल मार्कर टेस्ट की लागत विभिन्न कारकों पर निर्भर कर सकती है जैसे कि आपका स्थान, आपके द्वारा चुना गया डायग्नोस्टिक केंद्र, और यह टेस्ट किसी प्रीनेटल स्क्रीनिंग पैकेज में शामिल है या नहीं।

डबल मार्कर टेस्ट के लिए आपको कितना भुगतान करना पड़ सकता है, इसे प्रभावित करने वाले कई तत्व होते हैं:

  • आप जहां रहते हैं: महानगरीय अस्पतालों में कीमतें छोटे शहरों या अर्ध-शहरी क्षेत्रों की तुलना में अधिक हो सकती हैं।
  • टेस्ट पैकेज का प्रकार: कुछ लैब्स में डबल मार्कर टेस्ट को व्यापक प्रीनेटल स्क्रीनिंग या प्रथम तिमाही स्क्रीनिंग पैनल का हिस्सा के रूप में शामिल किया जाता है, जो कुल मूल्य पर प्रभाव डाल सकता है।
  • डायग्नोस्टिक सेंटर की प्रतिष्ठा: प्रसिद्ध संस्थान जैसे कि अपोलो डायग्नोस्टिक्स, अपोलो 24|7 जैसे मंचों के माध्यम से विशेष छूट या पैकेज प्रदान कर सकते हैं।
  • ऑनलाइन बुकिंग ऑफर्स: कई निदान प्रदाता, जैसे कि Apollo 24|7, यदि आप उनकी वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से टेस्ट बुक करते हैं तो घटी हुई दरें या अतिरिक्त लाभ प्रदान करते हैं।
  • सबसे सटीक और अप-टू-डेट डबल मार्कर टेस्ट की कीमतें और किसी भी उपलब्ध ऑफर के लिए, अपनी सुविधानुसार टेस्ट शेड्यूल करने हेतु Apollo 24|7 वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाएँ।

डबल मार्कर टेस्ट महत्वपूर्ण क्यों है?

डबल मार्कर टेस्ट का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के शुरुआती चरण में क्रोमोसोमल असामान्यताओं के जोखिम की पहचान करना है। यह टेस्ट एक स्पष्ट डियागनोस्टिक प्रदान नहीं करता है, लेकिन यह गर्भावस्थाओं को कम जोखिम और उच्च जोखिम श्रेणियों में अलग  करने में मदद करता है।

यहाँ बताया गया है कि टेस्ट क्यों महत्वपूर्ण है:

1. जनेटिक डिसॉर्डर का प्रारंभिक पता लगाना

डबल मार्कर टेस्ट जेनेटिक स्थितियों के जोखिम का पता लगाने में मदद करता है, जैसे कि:

  • डाउन सिंड्रोम (ट्राइसोमी 21) – सबसे आम है, जो बौद्धिक विकलांगता, विशिष्ट चेहरे की विशेषताएँ और हृदय दोषों का कारण बनता है।
  • एडवर्ड सिंड्रोम (ट्राइसोमी 18) - यह कई अंगों को प्रभावित करता है और इसकी जीवित रहने की दर कम होती है।
  • पटौ सिंड्रोम (ट्राइसोमी 13) - इसमें गंभीर बौद्धिक और शारीरिक अक्षमताएँ शामिल होती हैं।

2. नॉन-अग्रेसिव  और सुरक्षित

एम्नियोसेंटेसिस या कोरियोनिक विलस सैंपलिंग (CVS) जैसी अग्रेसिव डियागनोस्टिक प्रक्रियाओं के विपरीत, डबल मार्कर टेस्ट माँ या भ्रूण के लिए कोई जोखिम नहीं करता है।

3. बेहतर योजना और सूचित निर्णय

परिणाम स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों और माता-पिता को सूचित निर्णय लेने में मदद करते हैं, जैसे कि:

  • आगे की जांच जारी रखने का निर्णय
  • विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चे के लिए भावनात्मक और चिकित्सीय तैयारी
  • गर्भावस्था के शुरुआती दौर में यदि आवश्यक हो तो कठिन निर्णय लेना

4. एनटी स्कैन के पूरक

जब नुकल ट्रांसल्यूसेंसी स्कैन के साथ जोड़ा जाता है, तो डबल मार्कर टेस्ट शुरुआती स्क्रीनिंग की संवेदनशीलता और विशिष्टता को काफी बेहतर बनाता है।

  • जैसे-जैसे डेलीवेरी पूर्व देखभाल में उन्नति हो रही है, डबल मार्कर टेस्ट जैसी प्रारंभिक जांचें गर्भावस्था के परिणामों को बेहतर बनाने और समय पर उपाए में महत्वपूर्ण बन गई हैं।

डबल मार्कर टेस्ट किसे करवाना चाहिए?

  • डबल मार्कर टेस्ट पहली तिमाही में सभी गर्भवती महिलाओं के लिए आमतौर पर किया जाता है। हालांकि, यह कुछ उच्च जोखिम वाली स्थितियों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है:
  • 35 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिलाएं, क्योंकि मातृ आयु के साथ क्रोमोज़ोम असामान्यताओं का जोखिम बढ़ जाता है।
  • सहायक प्रजनन तकनीकों जैसे कि IVF के माध्यम से प्राप्त गर्भधारण।
  • जिन महिलाओं के पहले के बच्चे में जनेटिक या क्रोमोज़ोम संबंधी डिसॉर्डर थे।
  • अगर परिवार में जनेटिक रोगों का इतिहास हो।
  • जब एनटी स्कैन असामान्य दिखाई देते हैं या मोटाई बढ़ी हुई नज़र आती है।

कई गर्भपातों का इतिहास रखने वाली महिलाएं।

वे महिलाएं जो इन उच्च-जोखिम श्रेणियों में नहीं आतीं, उनके लिए भी यह टेस्ट अक्सर पहले तिमाही की स्क्रीनिंग के रूप में दिया जाता है ताकि पूरी प्रसूति मूल्यांकन सुनिश्चित किया जा सके।

डबल मार्कर टेस्ट की तैयारी कैसे करें?

डबल मार्कर टेस्ट के लाभों में से एक यह है कि इसके लिए न्यूनतम तैयारी की आवश्यकता होती है। फिर भी, कुछ मूलभूत कदमों का पालन करने से चिकित्सीय जांच को सुचारू और सटीक बनाने में मदद मिल सकती है:

  • उपवास की आवश्यकता नहीं है: आप टेस्ट से पहले सामान्य रूप से खा और पी सकते हैं।
  • चिकित्सा इतिहास साझा करें: अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को अपनी मौजूदा चिकित्सा स्थितियों या आप जो दवाइयाँ ले रहे हैं, उसके बारे में अवश्य बताएँ।
  • गर्भावस्था की आयु प्रदान करें: सुनिश्चित करें कि डॉक्टर को गर्भावस्था की सही आयु की जानकारी है, जो आमतौर पर आपके अंतिम मासिक पीरीअड या प्रारंभिक अल्ट्रासाउंड के आधार पर होती है।
  • पिछले टेस्ट के परिणाम लाइए: अगर आप अपना NT स्कैन करवा चुके हैं, तो रिपोर्ट को साथ लाएं ताकि परिणामों को मिलाकर अधिक सटीक जोखिम विश्लेषण किया जा सके।

इस टेस्ट के लिए आदर्श समय गर्भावस्था के 10वें से 14वें सप्ताह के बीच है। सही तारीख निर्धारण महत्वपूर्ण है ताकि हार्मोन लेवल की विश्वसनीय व्याख्या सुनिश्चित की जा सके।

डबल मार्कर टेस्ट की प्रक्रिया क्या है?

डबल मार्कर टेस्ट प्रक्रिया सरल, सुरक्षित और तेज है।

  • परामर्श: आपके प्रसूति विशेषज्ञ या स्त्री रोग विशेषज्ञ आपके गर्भावस्था के समय और चिकित्सा इतिहास के आधार पर यह टेस्ट की सिफारिश करेंगे।
  • सैम्पल कलेक्शन: आपकी बांह की नस से एक प्रशिक्षित लैब तकनीशियन द्वारा ब्लड का सैम्पल लिया जाता है।
  • लैब मे जांच : सैम्पल लैब में भेजा जाता है, जहाँ Free β-hCG और PAPP-A के लेवल को मापा जाता है।
  • जोखिम की गणना: लैब आपके आयु, गर्भावस्था की आयु, और एनटी स्कैन माप (यदि उपलब्ध हो) के साथ मार्कर लेवल को मिलाकर जोखिम की गणना करती है।
  • रिपोर्ट प्राप्ति: परिणाम आमतौर पर 3 से 5 दिन के भीतर तैयार हो जाते हैं।

यह टेस्ट माँ या बच्चे के लिए कोई जोखिम नहीं रखता है और इसे नियमित गर्भावस्था जाँच के दौरान या किसी डियागनोस्टिक केंद्र में किया जा सकता है।

डबल मार्कर टेस्ट परिणामों को समझना

डबल मार्कर टेस्ट के परिणाम आमतौर पर जोखिम अनुपात के रूप में बताए जाते हैं और दो मुख्य समूहों में अलग किए जाते हैं:

  • कम जोखिम: यह सुझाव देता है कि क्रोमोसोमल असामान्यताओं की संभावना कम है। अन्य चिंताएं न होने पर आमतौर पर कोई और जांच आवश्यक नहीं होती है।
  • उच्च जोखिम: यह डाउन सिंड्रोम जैसी स्थितियों की अधिक संभावना को दर्शाता है। आपका डॉक्टर आपको NIPT, एमनियोसेंटेसिस या CVS जैसे आगे के टेस्ट की सलाह दे सकता है।

टेस्ट के परिणामों की व्याख्या कई कारकों को ध्यान में रखकर की जाती है:

  • मातृ आयु
  • भ्रूणीय गर्भावस्था आयु
  • NT स्कैन माप (यदि किया गया हो)
  • फ्री β-hCG लेवल 
  • PAPP-A लेवल 
  • चिकित्सा और पारिवारिक इतिहास
  • उदाहरण परिणाम व्याख्या
  • उच्च फ्री β-hCG + निम्न PAPP-A: यह डाउन सिन्ड्रोम (ट्राइसोमी 21) के लिए बढ़ी हुई जोखिम का संकेत दे सकता है।
  • दोनों मार्कर्स का निम्न लेवल: यह एडवर्ड सिंड्रोम (ट्राइसोमी 18) या पाटौ सिंड्रोम (ट्राइसोमी 13) के जोखिम का संकेत दे सकता है।
  • यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि उच्च-जोखिम वाला परिणाम कोई डाइअग्नोसिस नहीं है। यह केवल यह दर्शाता है कि एक स्थिति की पुष्टि करने या उसे खारिज करने के लिए आगे की जांच आवश्यक है।

डबल मार्कर टेस्ट के परिणामों को किन कारकों का प्रभाव पड़ता है?

गर्भावस्था में डबल मार्कर टेस्ट की सटीकता पर विभिन्न कारकों का प्रभाव पड़ सकता है:

  • गर्भावधि आयु का गलत अनुमान
  • एक से ज्यादा गर्भधारण (जुड़वाँ या उससे अधिक)
  • माँ का अधिक वजन या कम शारीरिक वजन
  • जातीयता 
  • कुछ चिकित्सा स्थितियाँ (जैसे, डाइअबीटीज़, थायरॉइड डिसॉर्डर )
  • धूम्रपान और लाइफस्टाइल की आदतें
  • गर्भावस्था के दौरान दवाओं का उपयोग

गलत परिणामों की संभावना को कम करने के लिए, यह सुनिश्चित करें कि आपका डेटिंग स्कैन सटीक है और अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता को किसी भी संबंधित स्वास्थ्य समस्या के बारे में अवगत कराएं।

अपोलो 24|7 पर अपनी डबल मार्कर टेस्ट रिपोर्ट कैसे एक्सेस करें

यदि आपने अपोलो अस्पतालों में या अपोलो 24|7 प्लेटफॉर्म के माध्यम से डबल मार्कर टेस्ट करवाया है, तो आपके परिणामों को देखना तेज़, आसान, और पूरी तरह से डिजिटल है। अपोलो का रोगी-केंद्रित ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आपको अपने घर की सुविधा से सुरक्षित रूप से अपनी रिपोर्ट्स देखने, डाउनलोड करने और साझा करने की सुविधा देता है।

 

अपनी डबल मार्कर टेस्ट रिपोर्ट एक्सेस करने के लिए इन सरल चरणों का पालन करें:

  • सूचना का इंतजार करें: जैसे ही आपके डबल मार्कर टेस्ट के परिणाम तैयार होंगे, आपको एपोलो 24|7 की ओर से SMS और/या ईमेल के माध्यम से एक सूचना प्राप्त होगी। इससे यह सुनिश्चित होता है कि आपकी रिपोर्ट उपलब्ध होते ही आपको तुरंत जानकारी मिल जाए।
  • Apollo 24|7 में लॉग इन करें: आधिकारिक Apollo 24|7 वेबसाइट (www.apollo247.com) पर जाएं या Apollo 24|7 मोबाइल ऐप खोलें। अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर या ईमेल ID का उपयोग करके लॉग इन करें। सुनिश्चित करें कि आप उसी क्रेडेंशियल्स का उपयोग करें जो आपने अपनी जाँच बुक करते समय दिये थे।
  • डायग्नोस्टिक्स' या 'मेडिकल रिकॉर्ड्स' पर नेविगेट करें: एक बार लॉग इन करने के बाद, अपने डैशबोर्ड में “चिकित्सा रिकॉर्ड्स” या “निदान रिपोर्ट्स” अनुभाग पर जाएं। इस अनुभाग में आपकी सभी लैब टेस्ट रिपोर्ट्स और चिकित्सा दस्तावेज़ जमा होते हैं।
  • डबल मार्कर टेस्ट रिपोर्ट को ढूँढें: अपनी उपलब्ध रिपोर्ट्स में से स्क्रॉल करें या "Double Marker Test" टाइप करने के लिए सर्च फंक्शन का उपयोग करें। इससे आपको आपकी विशिष्ट रिपोर्ट तेजी से और कुशलता से ढूंढने में मदद मिलेगी।

अपनी रिपोर्ट देखें और डाउनलोड करें: अपने डबल मार्कर टेस्ट के परिणाम पर क्लिक करें ताकि आप विस्तृत रिपोर्ट देख सकें। इसमें शामिल होगा:

  • आपके हार्मोन लेवल (फ्री β-hCG और PAPP-A)
  • जोखिम अनुपात
  • रेफरेंस रेंज 
  • निष्कर्षों की व्याख्या

6. आप डाउनलोड भी कर सकते हैं: अपने रिकॉर्ड के लिए इस रिपोर्ट को PDF फाइल के रूप में डाउनलोड या इसे अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ या स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के साथ डिजिटल रूप से साझा करें।
अपोलो का डिजिटल प्लेटफार्म सुनिश्चित करता है कि आपकी गर्भावस्था की यात्रा समय पर सूचनाओं, विशेषज्ञ सलाह और आपके चिकित्सा रिकॉर्ड्स तक कहीं भी, कभी भी सुरक्षित पहुँच के साथ अच्छी तरह समर्थित हो।


 

faqअक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

क्या डबल मार्कर टेस्ट सभी गर्भवती महिलाओं के लिए अनिवार्य है?

नहीं, डबल मार्कर टेस्ट अनिवार्य नहीं है। हालांकि, यह पहली तिमाही की रूटीन स्क्रीनिंग के हिस्से के रूप में दृढ़ता से सिफारिश की जाती है, विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए जिन्हें क्रोमोसोमल असामान्यताओं का उच्च जोखिम माना जाता है। इनमें 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं, जिनके परिवार में आनुवंशिक विकारों का इतिहास है, या सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकियों के माध्यम से प्राप्त गर्भधारण शामिल हैं।

गर्भावस्था के दौरान डबल मार्कर टेस्ट कब किया जाना चाहिए?

डबल मार्कर टेस्ट करने का आदर्श समय गर्भावस्था के 10 से 14 सप्ताह के बीच होता है। यह अक्सर न्यूकल ट्रांसलूसेंसी (NT) स्कैन के साथ किया जाता है ताकि क्रोमोसोमल स्थितियों जैसे कि डाउन सिंड्रोम के लिए स्क्रीनिंग परिणामों की सटीकता में सुधार किया जा सके।

डबल मार्कर टेस्ट पर एक उच्च-जोखिम परिणाम का क्या अर्थ है?

एक उच्च जोखिम परिणाम का तात्पर्य है कि बच्चे में डाउन सिंड्रोम (ट्राइसोमी 21), एडवर्ड सिंड्रोम (ट्राइसोमी 18), या पटाऊ सिंड्रोम (ट्राइसोमी 13) जैसी क्रोमोसोमल विसंगति होने की संभावना अधिक होती है। यह एक निदान नहीं है। यदि आपका परीक्षण उच्च जोखिम को दर्शाता है, तो आपका डॉक्टर निदान की पुष्टि करने के लिए अतिरिक्त परिक्षणों की सलाह दे सकता है, जैसे कि गैर-आक्रामक गर्भावस्था परीक्षण (NIPT), एमनियोसेंटेसिस, या कोरिओनिक विल्लुस सैंपलिंग (CVS)।

क्या डबल मार्कर टेस्ट सभी प्रकार के आनुवांशिक विकारों का पता लगा सकता है?

नहीं, डबल मार्कर टेस्ट विशेष रूप से कुछ क्रोमोसोमल असामान्यताओं के जोखिम की जांच करता है, मुख्यतः डाउन सिंड्रोम, एडवर्ड सिंड्रोम, और पटाउ सिंड्रोम का। यह सभी आनुवंशिक या संरचनात्मक असामान्यताओं का पता नहीं लगाता है। अगर अन्य चिन्ताएं हैं या आपके परिवार में आनुवंशिक स्थितियों का इतिहास है, तो आगे की जाँच की आवश्यकता हो सकती है।

क्या डबल मार्कर टेस्ट माँ और बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित है?

हां, डबल मार्कर टेस्ट पूरी तरह से सुरक्षित है। यह एक गैर-इनवेसिव स्क्रीनिंग टेस्ट है जिसके लिए केवल माँ से एक साधारण रक्त नमूना की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया से बच्चे या माँ को कोई भौतिक जोखिम नहीं होता।

डबल मार्कर टेस्ट कितना सटीक है?

डबल मार्कर टेस्ट जेनेटिक स्थितियों के जोखिम का अनुमान लगा सकता है, लेकिन यह निर्णायक नहीं है। इसमें स्क्रीनिंग के लिए उच्च सटीकता दर होती है, लेकिन यदि परिणाम अधिक जोखिम को दर्शाते हैं तो इसके बाद और नैदानिक परीक्षण जैसे कि एम्निओसेंटेसिस या कोरियोनिक विलस सैंपलिंग (CVS) की आवश्यकता हो सकती है।

क्या बीमा डबल मार्कर टेस्ट को कवर करता है?

डबल मार्कर टेस्ट के लिए बीमा कवरेज आपके बीमा प्रदाता और पॉलिसी पर निर्भर करता है। यह अनुशंसित है कि अपने बीमा कंपनी से जांच करें कि क्या यह टेस्ट आपकी योजना के अंतर्गत आता है।

क्या मैं डबल मार्कर टेस्ट के बजाय किसी अन्य टेस्ट के लिए चुन सकता हूँ

हां, वैकल्पिक प्रीनेटल स्क्रीनिंग टेस्ट उपलब्ध हैं, जैसे कि ट्रिपल मार्कर टेस्ट और गैर-आक्रामक प्रीनेटल परीक्षण (NIPT), जो आनुवंशिक स्थितियों के जोखिम के बारे में अतिरिक्त अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं। आपका डॉक्टर आपकी विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर सबसे अच्छा टेस्ट तय करने में आपकी मदद कर सकता है।
 

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